Welcome on the website of Madhosingh Girls Inter College, Aurai, Dist. Bhadohi (S.R.D.Nagar), U.P.                 Chipset क्या है? इंम्पोर्टेन्ट फैक्ट्स Chipset के बारे में                  सभी ओपन प्रोग्राम्स को टैब्ड इंटरफेस में लाए और अपनी कंप्यू्टींग को आसान बनाएं                  कंप्यूटर से फ़ाइलों को हमेशा के लिए डिलीट करना चाहतें हैं? तो इसके 3 तरीके हैं                  अपने पसंदीदा ऐप या फ़ोल्डर के लिए एक कस्टम हॉटकी कैसेट बनाएं?                  ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) क्या होता है जाने                  9 गजब के रोचक फैक्‍ट व्हाट्सएप्प के बारे में - 9 Interesting Amazing Fact About WhatsApp                  Interesting Facts About Mobile - मोबाइल के बारे में रोचक तथ्‍य                  कंप्यूटर पर हिंदी आसानी से कैसे टाइप करें                  पेश है एक बेहतर तरीका पीडीएफ़ फ़ाइलों को बिना किसी सॉफ्टवेयर के मैनेज करने का                  ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार                  विंडोज एक्सप्लोरर के डिफ़ॉल्ट बोरिंग फ़ोल्डर्स में एड करें अमेजिंक आइकॉन                  My Documents का स्‍थान कैसे बदले और इसके डेटा की रक्षा करें?                  कंप्‍यूटर क्‍या है - What is Computer                  जल्दी से ओपन करना हो किसी फ़ोल्डर को, तो My Computer में बनाइए उसका वर्चुअल ड्राइव                  क्वांटम कम्प्यूटर - भविष्य के कम्प्यूटर                  जिओ 4G VoLTE क्‍या है - What Is Jio 4g VoLTE                  FOSS क्या है और इसके उद्देश्य आईये जानतें है                  फेसबुक वीडियो को डाउनलोड कैसे करे?                  सुपर कम्प्यूटर के बारे में जाने                  31+ कीबोर्ड शॉर्टकट, जो बनाए आपकी इंटरनेट ब्राउज़िंग को फ़ास्ट (Learn Internet Browsing Keyboard Shortcut In Hindi)                 

Madhosingh Girls Inter College



IT World Article

कम्प्यूटर का क्रमिक विकास


1623 ई.: जर्मन गणितज्ञ विल्हेम शीकार्ड ने प्रथम मैकेनिकल कैलकुलेटर का विकास किया। यह कैलकुलेटर जोडऩे, घटाने, गुणा व भाग में सक्षम था।

1642 ई.: फ्रांसीसी गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल ने जोडऩे व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया।

1801 ई.: फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जैकार्ड ने लूम (करघे) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया। उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की, जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन (weaving operation) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया।

1833-71 ई.: ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक चाल्र्स बैबेज ने जैकार्ड पंच-कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए एनालिटिकल इंजन का निर्माण किया। इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है। बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया।

1889 ई.: अमेरिकी इंजीनियर हरमन हॉलेरिथ ने इलेक्ट्रो मैकेनिकल पंच कार्ड टेबुलेटिंग सिस्टम को पेटेंट कराया जिससे सांख्यिकी आँकड़े की भारी मात्रा पर कार्य करना सम्भव हो सका। इस मशीन का प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया।

1941 ई.: जर्मन इंजीनियर कोनार्ड जि़से ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिज़ीटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता थार्। Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था। यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें रिले कहा जाता था।

1942 ई.: आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफोर्ड बेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था। इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था। यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था।

1944 ई.: आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवॢसटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर मार्क-1 का निर्माण किया। यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी।

1943 ई.: ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन कोडों को तोडऩे के लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर कोलोसस का निर्माण किया।

1946 ई.: अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे. प्रेस्पर इकेर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटेड एंड कम्प्यूटर - इनिएक (ENIAC) का निर्माण किया। इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 वैक्यूम ट्यूब लगे थे। इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग-अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी।

1951 ईं.: इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर यूनिवेक (UNIVAC) का निर्माण किया (सं.रा. अमेरिका)।

1969-71 ईं.: बेल लेबोरेटरी में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास किया गया।

1971 ईं.: इंटेल ने प्रथम कॉमॢशयल माइक्रोप्रोसेसर 4004 का विकास किया। माइक्रोप्रोसेसर चिप पर सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग यूनिट होती है।

1975 ईं.: व्यावसायिक रूप से प्रथम सफल पर्सनल कम्प्यूटर MITS Altair 8800 को बाजार में उतारा गया। यह किट फार्म में था जिसमें की-बोर्ड व वीडियो डिस्प्ले नहीं थे।

1976 ईं.: पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम इलेक्ट्रिक पेंसिल का निर्माण।

1977 ईं.: एप्पल ने एप्पल-II को बाजार में उतारा, जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो गया।

1981 ईं.: आई बी एम ने अपना पर्सनल कम्प्यूटर बाजार में उतारा जिसमें माइक्रोसॉप्ट के ष्ठह्रस् (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) का प्रयोग किया गया था।

1984 ईं.: एप्पल ने प्रथम मैकिंटोश बाजार में उतारा। यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसमें त्रढ्ढ (ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस) और माउस की सुविधा उपलब्ध थी।

1990 ई.: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वजऱ्न विंडोज़ 3.0 बाजार में उतारा।

1991 ई.: हेलसिंकी यूनीवॢसटी के विद्यार्थी लाइनस टोरवाल्ड्स ने पर्सनल कम्प्यूटर के लिए लाइनेक्स का आविष्कार किया।

1996 ई.: हाथ में पकडऩे योग्य कम्प्यूटर पाम पाइलट को बाजार में उतारा गया।

2001 ई.: एप्पल ने मैकिंटोश के लिए यूनिक्स आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम ह्रस् ङ्ग को बाजार में उतारा।

2002 ई.: कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गार्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वर्तमान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब पहुँची।

2005 ई.: एप्पल ने घोषणा की कि वह 2006 से अपने मैकिंटोश कम्प्यूटरों में इंटेल माइक्रोप्रोसेसरों का प्रयोग आरंभ कर देगा।

सम्बंधित आर्टिकल



सबसे ज्यादा देखा गया



लेटेस्ट पोस्ट